अझुराइल जमाना
खेती बाड़ी से नाता टूटल सउसे खेत बटाई उठल
खायन पियन जाता छूटल भाई से बा भाई रूठल
जेकरा से पूछ$ टाइम नइखे एके भइल बहाना बा
फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा
देहि में धुरा लगाके पसेना घामा बहाके का होई
डीलर से मिलते बा राशन ढेर कमाके का होई
फिरी माल के लालच में लुटा गइल खजाना बा
फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा
बियाह सराध बेमारी के नामे धुरे धुरे बिकाता
बिगहा से काठा प आइल मनवा बढ़ले जाता
एडभांस बनेके फेरा में धरावल धइल गंवाना बा
फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा
खाता में मनरेगा वाला अनघा रुपया आव$ता
मुखिया जी के किरपा के सभे गुणवा गाव$ता
लउकल डारही मोटे ओनही सिर भइल नवाना बा
फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा
घरे घरे चहुपल सगरी हाथे हाथे बड़का मोबाइल
सेल्फी खिंचत रहेली बबुनी दे देके छोटका स्माइल
टिकटॉक भिडियो से सभे बउराइल दीवाना बा
फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा
अस्पताल में ना बाड़े डाक्टर स्कूल में पढ़ाई नइखे
बन भइले सरकारी नोकरी प्राइवेट में मलाई नइखे
जाति धरम प देस के टुका टुका कइल निसाना बा
फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा
नकल में जिए वाला के तनिको अकल ना होखेला
सोच गुलामी अंगरेजन वाला बढ़े से आगा रोकेला
शासन उहे बिजनेस वाला हावी भइल घराना बा
फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा
©श्रीकांत सौरभ
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (23-09-2020) को "निर्दोष से प्रसून भी, डरे हुए हैं आज" (चर्चा अंक-3833) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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वाह सटीक
गजब हो भाई एकदम शानदार लिखले बाड़ा 🌻
आ श्रीकांत सौरभ जी, नमस्ते👏! बहुत निमन भोजपुरी गीत ! भाव से भरल बा, जमाना पर बढ़िया व्यंग्य बा। हार्दिक साधुवाद!
हम राउर ब्लॉग के अप्पन रीडिंग लिस्ट में डाल देले बानी। रउरो हमर ब्लॉग “marmagyanet.blogspot.com” पर जाकर हमर रचना के पढ़ीं और अपन विचार से हमारा के अवगत कराईं। सादर!–ब्रजेन्द्रनाथ