क्या सच में बिहार के नियोजित शिक्षक बोझ हैं?
जब भी नियोजित शिक्षकों के बारे में लोगों की उल्टी-सीधी प्रतिक्रिया पढ़ता हूं। मन बेचैन हो जाता है। यदि कोई
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Read moreप्रिय सुशांत, नमस्ते अलविदा! मुझे पता है, यह चिट्ठी तुम तक नहीं पहुंच पाएगी। फिर भी लिख रहा हूं, बिना
Read moreचनेसर काका का बड़का बेटा जब बीटेक कर गया तो अगुआ दुआर की माटी कोड़ने लगे। और लड़की थी कि
Read more‘भरी भरी अंजुरी में मोतिया लुटाइब हे दूल्हा दुल्हनिया के…,’ ‘कथी के चटइया पापा जी बइठल बानी…,’ ‘दूल्हा के माई
Read moreभले ही भूल जाइए कि आप क्या हैं! लेकिन याद जरूर रखिए कि हम बिहारी हैं! जब गुजरात वालों को
Read moreयह किस्सा वर्ष 1940 का है। तब पूरे देश में हैजा महामारी फैली थी। इलाज नहीं होने और छूत रोग
Read moreअथ श्री नाच महातम कथा : चम्पारण में पलल-बढ़ल ऊ अदमी के लड़िकाई भी कवनो लड़िकाई भइल। जवन लवंडा नाच
Read moreजब से गेनापुर जैसे पिछड़े गांव में मिनी बैंक यानी सीएसपी खुला था। सुभाष के बल्ले-बल्ले हो गए थे। मैट्रिक
Read moreचुरा लिया है तुमने जो दिल को..! दम मारो दम मिट जाए गम फिर बोलो सुबह शाम…! नीले नीले अंबर
Read moreजंगल जंगल बात चली है पता चला है, चड्डी पहन के फूल खिला है..! वर्ष 1990 का दशक, यानी एक
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