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आलेख 

NEP में त्रि-स्तरीय भाषा का स्वागत है, लेकिन…

July 30, 2020September 29, 2020 Admin 0 Comments

  केमेरी पांच वर्षीय बेटी गांव के एक निजी कान्वेंट में अपर किंडर गार्डन (यूकेजी) की छात्रा है। लॉकडाउन के

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आलेख 

“धीरे-धीरे हरवा चलइहे हरवहवा, गिरहत मिलले..!”

June 25, 2020September 27, 2020 Admin 1 Comment

अदरा चढ़े दो दिन हो गया था। देर रात से ही तेज बारिश हो रही थी। तीन बजे भोर में

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आलेख 

साहित्य में प्रेमचंद्र जैसा हो जाना सबके वश का नहीं

June 24, 2020September 25, 2020 Admin 0 Comments

मूसलाधार बरसात में गांव की फुस वाली मड़ई की ओरियानी चु रही हो। उसी मड़ई में आप खटिया पर लेटकर

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आलेख 

क्या सच में बिहार के नियोजित शिक्षक बोझ हैं?

June 19, 2020September 25, 2020 Admin 0 Comments

जब भी नियोजित शिक्षकों के बारे में लोगों की उल्टी-सीधी प्रतिक्रिया पढ़ता हूं। मन बेचैन हो जाता है। यदि कोई

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आलेख 

डियर कोरोना अब वापस चली भी जाओ

April 10, 2020September 25, 2020 Admin 3 Comments

डियर कोरोना Hate you less love more! मैं इन दिनों तुमसे थोड़ा-थोड़ा डरने लगा है। डर अपने संक्रमित होने का

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आलेख 

भारत के विश्व गुरु बनने की राह में रोड़े और उपाय

April 7, 2020September 25, 2020 Admin 0 Comments

कुछ दिन पहले बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडे लंदन गए थे। वहीं से उन्होंने फेसबुक पर लाइव होकर

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आलेख 

पेट रुपया, डॉलर, यूरो से नहीं, अनाज से ही भरता है

April 7, 2020September 25, 2020 Admin 0 Comments

पत्नी – ‘ए जी सुन$ तानी कि ना?’ ‘कह$ ना, का कहत बाड़ू?’ पत्नी की आवाज सुन पति ने रिमोट

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‘क्या वाकई में बसंत सबको एक समान महसूस होता है?’

February 6, 2020September 25, 2020 Admin 0 Comments

सरेह में दूर-दूर तक फैले खेतों में लहलहाते गेहूं के हरे-पौधे! उनके बीच में उगे पीले-पीले सरसों के फूल! आंखों

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आलेख 

इसी ‘कुछ’ ने पत्रकारों का वजूद बचा कर रखा है

February 26, 2014September 27, 2020 Admin 0 Comments

मुफ्फसिल क्षेत्रों में पत्रकारिता बेहद दुरुह काम है. और यहां तकरीबन 90 प्रतिशत ग्रामीण पत्रकारों को दस टके पर खटना

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अब कलम नहीं चलाते ब्यूरो चीफ

February 18, 2014September 27, 2020 Admin 0 Comments

एक जमाना था जब अखबारों के जिला संस्करण नहीं होकर प्रादेशिक पन्ने छपते थे. जिला कार्यालय में ब्यूरो चीफ की

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प्लीज, शहरी जिंदगी में गंवारपन को मरने मत दीजिए!
ज़िंदगी लाइव 

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September 30, 2020October 1, 2020 श्रीकांत सौरभ 7

  ‘ए घरी के मेहरारू आवत बाड़ी स, मत पूछीं। सभके उहे हाल बा, ले लुगरी आ चल डुमरी’, रमेसर काका

चोर कौन?
हिंदी 

चोर कौन?

September 22, 2020September 28, 2020 Admin 4
अझुराइल जमाना
भोजपुरी 

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September 21, 2020September 29, 2020 Admin 4
जिनगी नून तेल चाउर दाल ना ह$
भोजपुरी 

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September 18, 2020September 27, 2020 Admin 1
कुआर के सिधरी
भोजपुरी 

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September 16, 2020September 25, 2020 Admin 3
रोमांचक कहानी – CONFESSION
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August 4, 2020September 25, 2020 Admin 0
कहानी – अवसर
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August 1, 2020September 25, 2020 Admin 0
NEP में त्रि-स्तरीय भाषा का स्वागत है, लेकिन…
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July 30, 2020September 29, 2020 Admin 0
“भोजपुरी में बतिआए के होखे त बोल$ ना त राम-राम”
यूथ कॉर्नर 

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July 12, 2020September 27, 2020 Admin 5
“धीरे-धीरे हरवा चलइहे हरवहवा, गिरहत मिलले..!”
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June 25, 2020September 27, 2020 Admin 1

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